लॉकडाउन के कारण राजमार्ग पर होटल और ढाबे बंद हैं, वहीं वनकला गांव के एक ढाबा मालिक ने दिन में दो बार लगभग 400 गरीबों को भोजन कराने का नेक कदम उठाया है| उन्होंने शुरुआत में 15 लोगों के साथ इसकी पहल की थी और आज वो हर दिन लगभग 400 लोगों को खाना खिला रहे हैं। वो हर दिन दाल, चावल, रोटी और सब्जी देते हैं। घनश्याम देवगणिया, उनकी पत्नी प्रवीना और दो बच्चे- आयुषी 15 और मीत 17, ढाबे में एक छोटे से कमरे में रहते हैं और अब खाना बनाने और खाना बांटने में उनकी मदद कर रहे हैं। बुढ़ापे के कारण उनकी माँ का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, उनका भाई उन्हें अमरेली बुला रहा है| लेकिन वो उनके ढाबे पर दोपहर 12 और शाम 7 बजे खड़े गरीबों को भूखा नहीं जाने दे सकते।

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