लॉकडाउन में व्ययसायिक प्रतिष्ठान और पब्लिक ट्रांसपोर्ट के बंद हो जाने की वजह से हज़ारों मज़दूरों की तरह ये 54 मज़दूर भी पैदल ही अपने गाँव जाने के लिए निकले थे। राजस्थान सरकार ने इनको रास्ते में रोक कर सीकर ज़िला के पलसाना क़स्बे के दो स्कूलों में बनाए क्वॉरंटीन सेंटर में रखा। क्वॉरंटीन पिरीयड के दौरान उनके रहने के लिए की गई बढ़िया व्यवस्था से खुश हुए ये मज़दूर बदले में गांव के लिए कुछ करना चाहते थे और इसी सोच से उन्होंने स्कूल के रंगरोगन का काम शुरू कर दिया।मज़दूरों को कहना था की हम ख़ाली बैठेंगे तो बीमार हो जाएँगे और गाँव के लोग इतने दिनोंसे हमारी इतनी अच्छी ख़ातिरदारी कर रहे हैं, दिनभर ख़ाली बैठने से अच्छा है की गाँव के लिए कुछ कर के जाएँ। मज़दूरों की इस पहल ने सकारात्मक सोच का नायब उदाहरण पेश किया है।

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